इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeITY) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडरी दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 के अपने ड्राफ्ट की घोषणा की है। इसमें सोशल मीडिया कंपनियों को जरूरत पड़ने पर संदेश या ट्वीट के लेखक की जानकारी देने सहित कई महत्वपूर्ण सिफारिशें हैं।
इन नियमों की घोषणा करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान MeITY मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि उन्होंने कोई नया कानून नहीं बनाया है। उन्होंने इन नियमों को मौजूदा आईटी अधिनियम के तहत ही ढाला है। उन्होंने आगे जोड़ा कि वे इन नियमों का पालन करने के लिए प्लेटफार्मों पर भरोसा करते हैं। यह दिशानिर्देश सेल्फ रेगुलेशन के तहत हैं।
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नियमों ने बड़े सोशल मीडिया इंटरमीडरी और नियमित सोशल मीडिया इंटरमीडरी के बीच अंतर भी किया है। सरकार को यह निर्धारित करने के लिए उपयोगकर्ता आकार को निर्धारित करना बाकी है कि कौन बड़े सोशल मीडिया मध्यस्थ का गठन करेगा, हालांकि मंत्री ने 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली कंपनियों की ओक इशारा किया है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्मों का व्यापार करने के लिए स्वागत है। सरकार आलोचना के लिए तैयार है, लेकिन इंटरनेट मीडिया के गलत इस्तेमाल पर भी शिकायत का फोरम होना चाहिए। इसका दुरुपयोग रोकना जरूरी है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 40 करोड़ से अधिक और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। भारत में इनका काफी इस्तेमाल होता है, लेकिन जो चिंताएं हैं उसे लेकर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट को लेकर गाइडलाइंस बनाने के लिए कहा था। कोर्ट के निर्देश पर भारत सरकार ने इसके लेकर गाइडलाइंस तैयारी की हैं। सोशल मीडिया के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण कानूनों को तीन महीने के भीतर लागू किया जाएगा, ताकि वे अपने तंत्र में सुधार कर सकें। बाकी नियमों को अधिसूचित किए जाने के दिन से लागू होंगे।
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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को शिकायत 24 घंटे में हटाना होगा। प्लेटफॉर्म को भारत में नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर तैनात करना होगा। इसके अलावा कितनी शिकायतों पर कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी भी देनी होगी। कोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा पूछा जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेट फैलाने वाले पहले इंसान की भी जानकारी देनी होगी।