तमिलनाडु में ट्रांसपोर्ट ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को वेतन-संबंधित मांगों सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। महानगर परिवहन निगम सहित आठ से नौ राज्य परिवहन यूनियनें राज्य में यात्रियों को प्रभावित करने वाली हड़ताल का अनुसरण कर रही हैं।
राज्य के दक्षिणी भाग में कुछ कर्मचारियों के साथ बस सेवाएं चल रही हैं। लगभग 50 फीसदी बसें अस्थायी ड्राइवरों और अन्ना ट्रेड यूनियन ड्राइवरों के साथ चल रही हैं।
परिवहन यूनियनों की हड़ताल में एक लाख से अधिक परिवहन कर्मचारियों के शामिल होने की रिपोर्ट है, जो 80 प्रतिशत से अधिक बस सेवाओं को प्रभावित करते हैं। राज्य में लगभग 21,000 सरकारी बसें हैं।
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DMK ने हड़ताल को समर्थन दिया है। लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU), हिंद मजदूर सभा (HMS), और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) भी हड़ताल का हिस्सा हैं।
प्रदर्शनकारी यूनियनों की प्राथमिक मांगों में लंबित लाभों को सुचारु करना, वेतन संशोधन, वेतन में वृद्धि आदि शामिल हैं। सितंबर 2019 में 13 वें वेतन अनुबंध की अवधि समाप्त हो गई है और दो साल से अधिक समय से वेतन संशोधन नही हुआ है।

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सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल राज्य के बजट के चलते सरकार पर दबाव बनाने के लिए की गयी है।
परिवहन यूनियनों ने जनवरी में हड़ताल का आह्वान किया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने इस पर आपत्ति जताई और श्रमिकों को संचालन शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा गया की अगर ऐसा नहीं होता है तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें। अदालत ने कहा था कि तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (TNSTC) के कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह की हड़तालों का साथ नहीं दे सकते हैं, जिससे जनता को परेशानी होगी।
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